पंजाब के मुख्य सचिव ने केन्द्र को भेजी रिपोर्ट, फैक्ट्स के बारे में दी जानकारी

PM Modi Security Breach: पंजाब (Punjab) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सुरक्षा में जिस तरह सेंध लगी और जिस तरह पीएम मोदी का काफिला करीब 20 मिनट तक फंसा रहा, उसे लेकर पंजाब सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अब खबर मिली है कि पंजाब के मुख्य सचिव ने कल रात इस मामले पर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में मुख्य सचिव ने फैक्ट्स के बारे में जानकारी दी है.
कई स्तरों पर होगी जांच
देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध का जिम्मेदार कौन है? इसे लेकर कई स्तरों पर जांच होनी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है तो इससे पहले पंजाब सरकार ने भी एक हाई लेवल जांच के आदेश दिए हैं. एसपीजी ने भी इसे लेकर आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं और केंद्रीय खुफिया ब्यूरो भी इस पर आंतरिक जांच करवा रही है.
एक दिन पहले गृह मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए जो कमेटी बनाई है, उसमें 3 सदस्य हैं. कैबिनेट सेक्रेटेरिएट में सुरक्षा सचिव सुधीर कुमार सक्सेना इस कमेटी को हेड करेंगे. उनके अलावा, कमेटी में आईबी के ज्वाइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह और एसपीजी के आईजी एस सुरेश भी हैं.
ये कमेटी इस बात की जांच करेगी कि प्रधानमंत्री के इस रूट के दौरान सुरक्षा को लेकर क्या-क्या खामियां रहीं और उसके लिए कौन जिम्मेदार है. कमेटी को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.
फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे पीएम मोदी
बता दें कि चुनावी राज्य पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त ‘‘गंभीर चूक’’ की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जहां से उन्हें गुजरना था. इस वजह से प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे. घटना के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली लौट गए. वह ना तो किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और ना ही दो साल के बाद राज्य में अपनी पहली रैली को संबोधित कर सके.
गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से मांगी रिपोर्ट
इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए रिपोर्ट मांगी है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने को कहा है, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी.